नागपुर : ₹38 लाख का फर्जी नौकरी घोटाला

घटना: नागपुर में एक पूर्व नेट कैफ़े मालिक रोशन खोड़े (42 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उन्होंने अपनी NGO का इस्तेमाल कर बेरोज़गार युवकों से सरकारी नौकरी का झांसा देकर ₹38 लाख की ठगी की। इसमें नागपुर महा मेट्रो और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी का वादा शामिल था। उन्हें नौकरी दिलाने के बहाने प्रीमियम होटल्स जैसी प्रतिष्ठित जगहों पर बुलाकर पत्नीफ एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया जाता था।

शिकायतकर्ता और ठगी की राशि: अमोल जिभकते ने सबसे अधिक—₹13 लाख—दिया। अन्य पीड़ितों में महेश भुजाड़े, दिनेश बर्वे, कविता बोन्दरे, प्रीति पेडराज और राकेश पेडराज शामिल हैं। कुल मिलाकर ₹38 लाख से अधिक की ठगी की गई।

पुलिस की कार्रवाई: गित्तीखदान पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें DCP नित्यानंद झा शामिल हैं, की निगरानी में यह गिरफ्तारी की। मामला धोखाधड़ी और फर्ज़ी नियुक्ति पत्र जारी करने का है। जांच जारी है।

मामला किसका और क्या हुआ?

  • घटना की जानकारी: नागपुर के गित्तिखदान पुलिस थाने में Roshan Ashok Khode (42 वर्ष, पूर्व नेट कैफे मालिक) को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि उन्होंने अपनी NGO का ढोंग रचकर बेरोजगार युवाओं को नागपुर महा मेट्रो और स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ₹38 लाख की ठगी की।
  • ठगी की राशि और पीड़ितों की सूची: सबसे बड़े पीड़ित Amol Jibhkate को ₹13.25 लाख की ठगी हुई। अन्य पीड़ितों में Bhujangrao Muley (₹6 लाख), Dinesh Barkade (₹5 लाख), Kavita Naik और अन्य शामिल हैं। कुल मिलाकर ₹38 लाख से ज़्यादा की राशि ठगी गई।

धांधली का तरीका

  • Roshan Khode ने NGO का इस्तेमाल करते हुए सरकारी विभागों में नौकरी का वादा किया और विशुद्ध प्रतिष्ठा के लिए पीड़ितों से होटल जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर मिलता था।
  • जॉब वादा करके उन्होंने फर्जी नियुक्ति पत्र (appointment letters) बनाए। बाद में जब पीड़ितों ने दबाव बनाया तब मामला उजागर हुआ।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

  • गिरफ्तारी वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में की गई—जिसमें DCP नित्यानंद झा शामिल हैं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं अन्य लोग (सहयोगी या साथियों) भी इस साजिश में शामिल तो नहीं थे।

पिछले समान मामले — संदर्भ से तुलना:

नागपुर में पहले भी इसी प्रकृति के अन्य घोटाले सामने आ चुके हैं:

  • Nagpur Metro जॉब स्कैम: जनवरी 2025 में एक युवक और उसके मित्र हिस्सेदार थे—उनसे ₹3.32 लाख की धांधली की गई थी।([turn0search4])
  • इससे पहले Rs 35 करोड़ तक का स्कैम: Rakesh Khurana नामक व्यक्ति ने सरकारी भर्ती के नाम पर CP क्लब में बैठकर फ्रॉड किया था—कैंडिडेट से ₹3 लाख समय बताते हुए जमा लिए और एक बहुत बड़ी रकम ठगी थी।

निष्कर्ष: यह धोखा क्यों है ख़ास?

  • यह केस सिर्फ आर्थिक धोखाधड़ी नहीं, बल्कि भरोसे की हत्या है—नौकरी की उम्मीद में कमाने वालों की ज़िंदगी प्रभावित हुई है।
  • पीड़ितों को प्रतिष्ठित जगहों का इस्तेमाल कर फसंना, फर्जी नियुक्ति पत्र देना, और आसपास का डर दिखाना—इस फ्रॉड को खास बनाता है।
  • पुलिस की सक्रियता ने समय पर मामले को संज्ञान में लाया, जो आगे की जांच और न्याय की दिशा में अहम कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link