एकनाथ शिंदे ने रवी राणा और महायुती पर टिप्पणी की: “रवी राणे को महायुती की अनुशासन का पालन करना चाहिए, महायुती में मिठा का खड़ा नहीं डालना चाहिए”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बडनेर के विधायक रवी राणा को महायुती की अनुशासन का पालन करने का इशारा देते हुए कहा कि “महायुती में किसी को भी मिठा का खड़ा डालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।” इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी रवी राणा के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है। पवार ने रवी राणा के महायुती विरोधी बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “विनाशकाले विपरीत बुद्धी” जैसी स्थिति हो गई है। पवार ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को स्वयं रवी राणा को समझाना चाहिए।
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “मैं सभी को बताना चाहता हूं कि महायुती इस विधानसभा चुनाव में मजबूती से लड़ेगी। युती में कोई भी मिठा का खड़ा डालने की कोशिश न करे। मैं राणा परिवार से कहता हूं कि आप महायुती के घटक हैं, सरकार आपके साथ खड़ी है। आप सरकार बनाने के लिए कोशिश करें और अपने उम्मीदवारों की मदद करें। इसलिए मैं कहता हूं कि महायुती का अनुशासन पाले और युती में रहते हुए युती के खिलाफ काम न करे, यह किसी को भी नहीं करना चाहिए।”
रवी राणा पर आलोचना क्यों हो रही है?
अमरावती शहर विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) की उम्मीदवार सुलभा खोडके के प्रचार के बारे में रवी राणा ने टिप्पणी की थी कि “अमरावती की एक सीट जीतने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।” इस बयान के बाद अब रवी राणा पर महायुती के नेताओं से आलोचनाएँ हो रही हैं।
अजित पवार की नाराजगी:
रवी राणा के इस बयान पर अजित पवार ने कहा कि रवी राणा “विनाशकाले विपरीत बुद्धी” जैसी स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। पवार ने यह भी कहा कि रवी राणा की इस तरह की बयानबाजी के कारण उनकी पत्नी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। पवार ने कहा, “मैंने दो विधानसभा चुनावों में रवी राणा का समर्थन किया था, लेकिन अब वे जो बोलते हैं, वह उनका अधिकार है। हम अपने उम्मीदवार को अच्छे मतों से जीत दिलाने की कोशिश करेंगे।”