मानसून — जब धरती की प्यास बुझती है, हवा में मिट्टी की सौंधी खुशबू घुल जाती है और हर कोना हरियाली से झूम उठता है।
भारत में बारिश केवल मौसम नहीं, एक एहसास है — और इसी एहसास को सेलिब्रेट करते हैं हमारे अनोखे Monsoon Festivals।
ये उत्सव न सिर्फ प्रकृति की सुंदरता को समर्पित होते हैं, बल्कि संगीत, नृत्य, कला और संस्कृति से भी भरपूर होते हैं।
आइए जानते हैं भारत में मनाए जाने वाले कुछ खास मानसून उत्सवों के बारे में, जहाँ बूंदों की ताल पर संगीत और संस्कृति नाच उठती है।
1. सावन महोत्सव (उत्तर भारत)
📍 स्थान: उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश
📅 समय: जुलाई – अगस्त
सावन आते ही महिलाएं हरे रंग में सज जाती हैं, पेड़ों पर झूले पड़ते हैं और मंदिरों में गीतों की गूंज सुनाई देती है।
लोकगीत, कजरी और झूला गीतों के साथ यह पर्व भावनाओं, प्रेम और ऋतुराज के स्वागत का उत्सव बन जाता है।
🌿 खास बात: मेहंदी, पारंपरिक नृत्य और शिव पूजा की विशेष परंपराएं
2. सवाई गंधर्व मानसून म्यूज़िक फेस्टिवल (पुणे)
📍 स्थान: पुणे, महाराष्ट्र
📅 समय: जुलाई
यह एक शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए बेहद खास आयोजन है।
यहाँ भारत के महान संगीतज्ञ अपनी प्रस्तुति देते हैं और वातावरण में एक आध्यात्मिक तरंग सी बहने लगती है।
🎤 खास प्रस्तुति: हिंदुस्तानी शास्त्रीय, गज़ल, और वोकल म्यूज़िक
3. तीज उत्सव (राजस्थान और उत्तर भारत)
📍 स्थान: जयपुर, उदयपुर, दिल्ली
📅 समय: हरियाली तीज – सावन माह में
तीज का पर्व महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए मनाती हैं।
रंग-बिरंगे परिधान, लोक गीत, हाथों की मेहंदी और झूले — सब कुछ मानसून की मस्ती में भीगता नजर आता है।
🌺 खास बात: शाही तीज यात्रा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
4. चेरापूंजी फेस्टिवल (मेघालय)
📍 स्थान: सोहरा (चेरापूंजी)
📅 समय: जुलाई
दुनिया के सबसे ज्यादा बारिश वाले इलाकों में से एक, चेरापूंजी में मानसून का अलग ही रूप देखने को मिलता है।
यहाँ का फेस्टिवल लोकनृत्य, फोक म्यूज़िक और सांस्कृतिक मेलों से भरा होता है।
🌈 खास अनुभव: बादलों से ढका हरियाली से भरा एक जादुई संसार
5. बैंडिश आर्ट फेस्टिवल (मुंबई)
📍 स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र
📅 समय: जुलाई – अगस्त
बैंडिश फेस्टिवल खासतौर पर भारतीय शास्त्रीय रचनाओं (बैंडिश) को समर्पित होता है।
विविध रागों में बुनी प्रस्तुतियाँ मानसून के रंग को और भी गहरा कर देती हैं।
🎧 खास आकर्षण: युवा कलाकारों से लेकर लीजेंडरी म्यूज़िशियन्स तक का मंच
6. ओणम (केरल) – मानसून का समापन उत्सव
📍 स्थान: केरल
📅 समय: अगस्त – सितंबर
हालाँकि ओणम का त्योहार मानसून के अंत में आता है, लेकिन यह बारिश के बाद हरियाली और फसल के आगमन का जश्न होता है।
पुकलम (फूलों की रंगोली), कथकली नृत्य, नाव दौड़, और ओणम साद्या (भव्य भोज) इसकी खास पहचान हैं।
🚣♂️ खास बात: वल्लमकली (स्नेक बोट रेस)
निष्कर्ष
भारत में मानसून सिर्फ भीगने का बहाना नहीं, बल्कि संवेदनाओं, गीतों और परंपराओं से जुड़ा एक जीवंत उत्सव है।
इन Monsoon Festivals में बारिश की हर बूँद एक सुर बन जाती है, हर हरियाली एक रंगीन नृत्य, और हर बादल संगीत की एक नई बंदिश।