CBSE और IIM का दुबई में विस्तार

CBSE और IIM का दुबई में विस्तार: भारत-यूएई शैक्षिक सहयोग की नई दिशा

भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच शैक्षिक सहयोग ने एक नया मोड़ लिया है, जिसमें केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (IIM Ahmedabad) ने दुबई में अपने विस्तार की घोषणा की है। यह कदम न केवल भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए बल्कि वैश्विक शिक्षा परिदृश्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।​


CBSE का दुबई में क्षेत्रीय कार्यालय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में अबू धाबी में आयोजित ‘अहलान मोदी’ कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि CBSE दुबई में अपना पहला क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगा। इस कार्यालय का उद्देश्य यूएई में स्थित CBSE-मान्यता प्राप्त स्कूलों की निगरानी और समर्थन करना है, जहां लगभग 1.5 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं ।​

इस पहल से न केवल शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों के प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में भी मदद मिलेगी। CBSE का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शिक्षा प्रणाली की उपस्थिति को मजबूत करेगा।​


IIM अहमदाबाद का अंतरराष्ट्रीय कैंपस

IIM अहमदाबाद ने यूएई सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत दुबई में इसका पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस स्थापित किया जाएगा। यह कैंपस दुबई इंटरनेशनल एकेडमिक सिटी में स्थित होगा, जो उच्च शिक्षा के लिए एक प्रमुख केंद्र है ।​

इस कैंपस में सितंबर 2025 से एक वर्षीय पूर्णकालिक MBA कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। प्रवेश प्रक्रिया में GMAT या GRE स्कोर के आधार पर दो चरणों में चयन किया जाएगा। IIM अहमदाबाद के निदेशक प्रो. भरत भास्कर ने कहा कि दुबई का यह कैंपस नवाचार, निवेश और उद्यमिता के लिए एक आदर्श स्थान है, जो मध्य पूर्व और आसपास के क्षेत्रों में प्रबंधन शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा ।​


भारत-यूएई शैक्षिक सहयोग की दिशा में कदम

CBSE और IIM अहमदाबाद के दुबई में विस्तार से भारत और यूएई के बीच शैक्षिक सहयोग को नई दिशा मिलेगी। इससे दोनों देशों के बीच शैक्षिक डिग्रियों की पारस्परिक मान्यता की संभावना भी बढ़ेगी, जिससे छात्रों और पेशेवरों को वैश्विक अवसरों का लाभ मिलेगा ।​


निष्कर्ष

CBSE और IIM अहमदाबाद का दुबई में विस्तार न केवल भारतीय शिक्षा प्रणाली की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय प्रवासी समुदाय को भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा। यह कदम भारत और यूएई के बीच मजबूत होते शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है, जो भविष्य में और भी गहरे होंगे।​

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