बिहार के लाजवाब पारंपरिक व्यंजन

भारत की विविधता सिर्फ भाषा और संस्कृति में ही नहीं, बल्कि खाने की थाली में भी झलकती है। बिहार एक ऐसा राज्य है जहां का भोजन जितना सादा दिखता है, उतना ही स्वाद से भरपूर होता है। यहां की पारंपरिक रेसिपीज़ मिट्टी की खुशबू लिए होती हैं – देसी स्वाद, देसी अंदाज़ में।

चलिए चलते हैं बिहार की गलियों से लेकर उसके देहात तक, और जानते हैं वहाँ के कुछ खास और लाजवाब व्यंजनों के बारे में।


1. लिट्टी-चोखा – बिहार की शान

बिहार का नाम लेते ही सबसे पहले ज़िक्र होता है लिट्टी-चोखा का।

  • लिट्टी: गेहूं के आटे से बनी गोल बॉल्स, जिनके अंदर सत्तू (भुने चने का आटा), मसाले, नींबू का रस और सरसों का तेल भरा होता है।
  • चोखा: आलू, बैंगन या टमाटर को भूनकर उसमें सरसों का तेल, लहसुन, हरी मिर्च और नमक डालकर तैयार किया जाता है।

यह डिश स्वाद, पौष्टिकता और देसीपन का परफेक्ट मेल है। घी में डूबी हुई गरमागरम लिट्टी जब चोखे के साथ मिलती है, तो बस उंगलियाँ चाटते रह जाओ!


2. खिचड़ी – शनिवार की परंपरा

बिहार में हर शनिवार को घी-चोखा वाली खिचड़ी खाना एक परंपरा है।

  • इसमें चावल, मूंग दाल, सब्ज़ियाँ, हींग और हल्का मसाला डाला जाता है।
  • इसके साथ परोसा जाता है – आलू-भिंडी की भुजिया, पापड़, अचार, दही और टमाटर की चटनी।

यह सिर्फ एक भोजन नहीं, संपूर्ण संतुलित थाली है जो स्वाद और सेहत दोनों से भरपूर है।


3. ठेकुआ – बिहार की मिठास

ठेकुआ, जिसे छठ पूजा के प्रसाद के रूप में भी जाना जाता है, गुड़ और आटे से बनी एक खास मिठाई है। इसमें नारियल और इलायची भी मिलाई जाती है और इसे घी में तला जाता है।

यह मिठाई अब पूरे भारत में प्रसिद्ध हो चुकी है – और स्वाद में बिल्कुल यूनिक!


4. सत्तू पराठा – एनर्जी से भरपूर देसी खाना

सत्तू (भुने चने का आटा) का प्रयोग सिर्फ लिट्टी तक ही सीमित नहीं।

  • सत्तू पराठा बिहार के हर घर में बनाया जाता है। इसमें सत्तू, प्याज़, हरी मिर्च, अदरक और नींबू का तड़का होता है।
  • इसे आमतौर पर दही और अचार के साथ खाया जाता है।

गर्मी में तो सत्तू का शरबत भी बहुत फेमस है – ठंडा, हेल्दी और एनर्जी से भरपूर।


5. कढ़ी-बड़ी – फेस्टिवल स्पेशल

बेसन से बनी कढ़ी और उसमें डली हुई फूली-फूली बड़ी (पकोड़ी) – बिहार में त्योहारों पर और खासकर होली के दिन यह जरूर बनती है।

इसके साथ खाया जाता है गरमा गरम चावल, आलू की भुजिया और पापड़।


6. मालपुआ – मीठा जो दिल जीत ले

गुड़ या चीनी से बनी यह देसी पैनकेक बिहार की खास मिठाइयों में से एक है।
त्योहारों, खासकर होली और शादी-ब्याह में इसका खास स्थान है।


7. चना घुघनी – स्नैक का देसी ट्विस्ट

उबले हुए काले चने में प्याज़, हरी मिर्च, अदरक और सरसों का तेल डालकर बनाई जाने वाली घुघनी एक हल्का लेकिन स्वादिष्ट नाश्ता है। इसे सुबह या शाम के स्नैक के रूप में खाया जाता है।


8. आलू की भुजिया और चावल – हर दिन की थाली का हिस्सा

बिहार के हर घर में एक कॉमन, लेकिन ज़बरदस्त स्वाद वाली डिश है – आलू की सूखी भुजिया, जिसे रोटी या चावल के साथ खाया जाता है। सरसों के तेल में पकी ये सब्ज़ी अपने सिंपल लेकिन मसालेदार स्वाद के लिए मशहूर है।


बिहार की थाली – सिर्फ खाना नहीं, एक परंपरा है

बिहार की थाली न तो ज़्यादा मसालेदार होती है, और न ही तामझाम से भरी होती है। ये सादा, पौष्टिक और स्वाद से भरपूर होती है। यहाँ का खाना खेतों की खुशबू, मिट्टी की सादगी और घर की आत्मीयता से जुड़ा हुआ है।


अंत में…

अगर आप खाने के शौकीन हैं और देसी, देहाती स्वाद को दिल से पसंद करते हैं – तो बिहार के पारंपरिक व्यंजन आपको ज़रूर पसंद आएंगे। अगली बार जब मौका मिले, तो लिट्टी-चोखा या ठेकुआ से शुरुआत करें – यकीन मानिए, आपको बिहार का स्वाद बार-बार याद आएगा!


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