क्या सोशल मीडिया हमारी सोच को कंट्रोल कर रहा है?

सुबह उठते ही हाथ मोबाइल की ओर बढ़ता है।
WhatsApp चेक करते हैं, Instagram स्टोरीज़ देखते हैं, Twitter पर ट्रेंडिंग टॉपिक पढ़ते हैं।
कुछ ही मिनटों में हमारा मूड, सोच और शायद दिन की दिशा भी तय हो जाती है — और यह सब करता है सोशल मीडिया

तो क्या अब हम सोचते हैं, या हमसे सोचा जा रहा है?
क्या सोशल मीडिया हमारी सोच को कंट्रोल कर रहा है?
इस सवाल का जवाब जितना आसान लगता है, उतना है नहीं।


सोच को धीरे-धीरे मोड़ने वाली ताकत

सोशल मीडिया कोई ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं करता, वो धीरे-धीरे हमारी सोच को ढालता है:

  • कौन सी न्यूज़ दिखेगी, कौन सा पोस्ट पहले आएगा — एल्गोरिद्म तय करता है।
  • जो आप देखना पसंद करते हैं, वही बार-बार दिखाया जाता है — जिससे दूसरी राय आप तक पहुंचती ही नहीं।
  • “ट्रेंडिंग” टॉपिक्स कभी-कभी जनता की सोच नहीं, बल्कि सिस्टम की पसंद होते हैं।

विचार नहीं, वायरल ज़्यादा ज़रूरी हो गया है

आज के दौर में सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए:

  • बात का मतलब नहीं, तड़का ज़रूरी होता है
  • सच से ज़्यादा सेंसेशनलिज़्म बिकता है
  • गहराई से सोचने वाले लोग पीछे रह जाते हैं, और तेज़ बोलने वाले आगे।

इस माहौल में सोचने की आदत छिनती जा रही है।
हम जल्दी-जल्दी स्क्रॉल करते हैं, लेकिन गहराई में उतरने का समय नहीं निकालते।


Echo Chamber: जहां सिर्फ आपकी ही सोच गूंजती है

सोशल मीडिया हमें उन्हीं लोगों से जोड़ता है जिनकी सोच हमारे जैसी होती है।
इसका परिणाम?

  • हम यह मानने लगते हैं कि जो हम सोचते हैं, वही सच है।
  • अलग राय रखने वालों को हम ट्रोल, गद्दार या पागल समझने लगते हैं।
  • धीरे-धीरे, सोच का दायरा सिकुड़ने लगता है।

सोशल मीडिया: उपकरण या नियंत्रक?

ज़रूरी सवाल यह है – क्या सोशल मीडिया सिर्फ एक उपकरण (tool) है, या अब वह हमारी सोच का नियंत्रक (controller) बन चुका है?

जवाब है – दोनों।
अगर हम जागरूक रहें, तो यह एक शक्तिशाली माध्यम है विचार साझा करने का।
लेकिन अगर हम आंख बंद कर उपयोग करें, तो यह हमारी स्वतंत्र सोच पर धीरे-धीरे कब्जा कर सकता है।


निष्कर्ष

सोशल मीडिया ने हमें जोड़ने का वादा किया था, और यह सच भी है।
लेकिन यह भी उतना ही सच है कि यह अब हमारी सोच, पसंद, व्यवहार और दृष्टिकोण को प्रभावित कर रहा है — कभी सकारात्मक रूप से, तो कभी ख़तरनाक ढंग से।

सोशल मीडिया को चलाइए, चलने मत दीजिए।
सोचिए, शेयर करने से पहले। मानिए, जानने के बाद।

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