“भारत के प्रसिद्ध मेलों की सैर”

भारत – विविधताओं का देश, मेलों का देश।

हमारा देश सिर्फ मंदिरों, त्योहारों और स्वादिष्ट व्यंजनों के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यहाँ के रंग-बिरंगे मेले भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर का एक अहम हिस्सा हैं। हर राज्य, हर मौसम और हर परंपरा के साथ मेलों का अलग ही रंग और स्वाद देखने को मिलता है।

आज हम आपको कराते हैं भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध मेलों की सैर – जहाँ संस्कृति, कला, भक्ति और उत्सव का संगम होता है।


1. कुंभ मेला (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार)

विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला।
हर 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला यह मेला प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है। लाखों साधु-संत, श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक इस आयोजन में शामिल होते हैं। कुंभ का पावन स्नान और अखाड़ों की झलक इसे दुनिया भर में प्रसिद्ध बनाती है।


2. पुष्कर मेला (राजस्थान)

ऊँटों का सबसे बड़ा मेला।
राजस्थान के पुष्कर शहर में लगने वाला यह मेला ऊँटों की ख़रीद-फ़रोख़्त, लोकनृत्य, संगीत, और रंग-बिरंगी राजस्थानी संस्कृति का अद्भुत संगम है। मेले में ऊँट सजाने की प्रतियोगिता और ‘लॉन्ग मछली’ जैसे फूड स्टॉल्स खास आकर्षण होते हैं।


3. सूरजकुंड मेला (हरियाणा)

हस्तशिल्प और लोककला का उत्सव।
फरवरी में फरीदाबाद के सूरजकुंड में लगने वाला यह अंतरराष्ट्रीय मेला भारत के साथ-साथ दुनिया भर के कारीगरों और कलाकारों का संगम होता है। यहाँ हर राज्य की संस्कृति, भोजन और कला देखने को मिलती है।


4. सोनपुर मेला (बिहार)

हाथियों का मेला।
गंगा और गंडक के संगम पर लगने वाला यह मेला प्राचीन समय से जाना जाता है। पहले यहाँ हाथियों की खरीद-बिक्री होती थी, और आज भी यह मेला पशु मेले के रूप में प्रसिद्ध है। साथ ही लोकनाट्य, झूले और स्वादिष्ट व्यंजन भी इसकी शोभा बढ़ाते हैं।


5. गोवा कार्निवल (गोवा)

खुशियों और संगीत का पर्व।
हालाँकि इसे मेला नहीं कहा जाता, लेकिन यह आयोजन एक रंग-बिरंगे उत्सव की तरह होता है। मार्च में आयोजित इस कार्निवल में परेड, डांस, लाइव म्यूजिक और समुद्र तटों की रौनक देखते ही बनती है।


6. हेमिस फेस्टिवल (लद्दाख)

बौद्ध संस्कृति की झलक।
लद्दाख के हेमिस मठ में लगने वाला यह मेला रंगीन मुखौटों और पारंपरिक नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। बर्फीले पहाड़ों के बीच यह मेला एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव देता है।


अंतिम शब्द

भारत के मेले सिर्फ बाज़ार या त्योहार नहीं हैं, ये जीवन के उत्सव हैं – जहाँ हमारी संस्कृति साँस लेती है, जहाँ परंपराएँ नाचती हैं और जहाँ हर मुस्कान में एक कहानी छिपी होती है।

अगर आपने अब तक इनमें से किसी मेले का अनुभव नहीं किया, तो अगली छुट्टियों में अपनी यात्रा की लिस्ट में इन्हें ज़रूर जोड़ें। यकीन मानिए, ये यात्राएँ आपकी ज़िंदगी की सबसे खूबसूरत यादों में से एक बनेंगी।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link