यूनिकॉर्न बनने की राह पर भारत के नए स्टार्टअप्स

भारत में स्टार्टअप्स का परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, और 2024-25 के दौरान कई नए स्टार्टअप्स ने यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त किया है। यूनिकॉर्न वे स्टार्टअप्स होते हैं जिनकी वैल्यूएशन $1 बिलियन (लगभग ₹8,300 करोड़) या उससे अधिक होती है। आइए, भारत के कुछ प्रमुख नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स पर एक नजर डालते हैं:​


भारत के नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स (2024-25)

1. क्रुट्रिम (Krutrim) – भारत का पहला AI यूनिकॉर्न

  • स्थापना: भविष्य अग्रवाल (Ola के संस्थापक) द्वारा
  • सेक्टर: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
  • उपलब्धि: जनवरी 2024 में $50 मिलियन फंडिंग के साथ यूनिकॉर्न बना
  • विशेषता: भारतीय भाषाओं में संवादात्मक AI समाधान विकसित करना |

2. मनीव्यू (Moneyview) – फिनटेक में नवाचार

  • सेक्टर: वैकल्पिक ऋण (Alternative Lending)
  • उपलब्धि: सितंबर 2024 में $1.21 बिलियन की वैल्यूएशन प्राप्त की
  • विशेषता: डिजिटल लोन और वित्तीय प्रबंधन सेवाएं प्रदान करना

3. एथर एनर्जी (Ather Energy) – इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अग्रणी

  • सेक्टर: इलेक्ट्रिक वाहन (EV)
  • उपलब्धि: अगस्त 2024 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुआ
  • विशेषता: इलेक्ट्रिक स्कूटर और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण​

4. रैपिडो (Rapido) – दोपहिया राइड-हेलिंग में नवाचार

  • सेक्टर: मॉबिलिटी
  • उपलब्धि: 2024 में यूनिकॉर्न का दर्जा प्राप्त किया
  • विशेषता: बाइक टैक्सी सेवाओं के माध्यम से शहरी परिवहन में क्रांति लाना​

5. रेटकैन (RateGain) – ट्रैवलटेक में वैश्विक खिलाड़ी

  • सेक्टर: ट्रैवल टेक्नोलॉजी
  • उपलब्धि: 2024 में यूनिकॉर्न बना
  • विशेषता: होटल और ट्रैवल कंपनियों के लिए डेटा एनालिटिक्स समाधान प्रदान करना​

6. पर्फियॉस (Perfios) – फिनटेक में डेटा एनालिटिक्स

  • सेक्टर: फिनटेक
  • उपलब्धि: 2024 में यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुआ
  • विशेषता: वित्तीय संस्थानों के लिए डेटा एनालिटिक्स और जोखिम मूल्यांकन सेवाएं प्रदान करना​

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम: एक उज्ज्वल भविष्य

2024 में छह नए यूनिकॉर्न्स के साथ, भारत में अब कुल 118 यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स हैं, जिन्होंने मिलकर $100 बिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है । सरकार की ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल, निवेशकों की बढ़ती रुचि, और तकनीकी नवाचारों के कारण भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है।


निष्कर्ष

भारत के नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स न केवल आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी देश की पहचान को मजबूत कर रहे हैं। इनकी सफलता से प्रेरित होकर, आने वाले वर्षों में और भी कई स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न बनने की राह पर अग्रसर होंगे।​

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