अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का भारत दौरा: व्यापार, रणनीति और संस्कृति का संगम
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने 21 अप्रैल 2025 को अपने चार दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत की, जो व्यापारिक वार्ताओं, रणनीतिक सहयोग और सांस्कृतिक अनुभवों का मिश्रण है। यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने की संभावना रखता है।
स्वागत और प्रारंभिक कार्यक्रम
वेंस अपने परिवार के साथ नई दिल्ली पहुंचे, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। उनकी पत्नी, उषा वेंस, भारतीय मूल की हैं, और इस दौरे में उनके साथ उनके बच्चे भी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट
उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसमें व्यापार, रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक बढ़ाने के लक्ष्य पर विचार-विमर्श किया।
व्यापारिक वार्ताएँ और टैरिफ मुद्दे
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर तनाव है। वेंस का उद्देश्य एक संभावित व्यापार समझौते पर चर्चा करना है, जिससे नए अमेरिकी टैरिफ से बचा जा सके। भारत सरकार ने 2024 में अमेरिका से आयातित $41.8 बिलियन के आधे से अधिक उत्पादों पर टैरिफ कम करने की इच्छा जताई है।
रक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी
दौरे के दौरान, दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की, जिसमें जैवलिन मिसाइलों और स्ट्राइकर वाहनों के संयुक्त उत्पादन की संभावनाएं शामिल हैं। यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारिवारिक यात्रा
वेंस परिवार ने दिल्ली, जयपुर और आगरा के सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण किया, जिसमें ताजमहल और आमेर किले की यात्रा शामिल है। इसके अलावा, वे राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में भारत-अमेरिका संबंधों पर एक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।
सामरिक महत्व और भविष्य की योजनाएँ
यह दौरा क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारी के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है, जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। वेंस की यात्रा से पहले, राष्ट्रपति ट्रंप के आगामी भारत दौरे की भी संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस का यह दौरा भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ता है, जो व्यापार, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और साझा हितों को दर्शाती है।