भारत की पारंपरिक कलाएँ उसकी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा हैं, जो पीढ़ियों से चली आ रही हैं। वर्ष 2025 में देशभर में कई प्रमुख प्रदर्शनियाँ और महोत्सव आयोजित हो रहे हैं, जो इन कलाओं को संरक्षित करने और उन्हें वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का कार्य कर रहे हैं। आइए, इन प्रमुख आयोजनों पर एक दृष्टि डालते हैं:
1. इंडिया आर्ट फेयर 2025 – दिल्ली
- तिथियाँ: 6 से 9 फरवरी 2025
- स्थान: NSIC एग्ज़िबिशन ग्राउंड्स, ओखला, नई दिल्ली
- विशेषताएँ: इस वर्ष का आयोजन अब तक का सबसे बड़ा था, जिसमें 120 गैलरी और संस्थानों ने भाग लिया। यहाँ पारंपरिक और समकालीन भारतीय कला का संगम देखने को मिला, जिसमें पेंटिंग, मूर्तियाँ और डिजिटल कला शामिल थीं।
2. आदि महोत्सव 2025 – नई दिल्ली
- तिथियाँ: 16 से 24 फरवरी 2025
- स्थान: नई दिल्ली
- विशेषताएँ: यह महोत्सव भारत की जनजातीय विरासत का भव्य उत्सव है, जिसमें विभिन्न राज्यों के आदिवासी कारीगरों द्वारा हस्तशिल्प और पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया गया।
3. भाव – द एक्सप्रेशंस समिट 2025
- तिथियाँ: 23 से 26 जनवरी 2025
- विशेषताएँ: इस समिट में ‘सीता चरितम’ की प्रस्तुति हुई, जिसमें 500 कलाकारों ने 30 नृत्य, संगीत और कला रूपों का संगम प्रस्तुत किया। यह आयोजन 180 देशों में आयोजित किया जाएगा।
4. द आर्ट ऑफ इंडिया 2025 – मुंबई
- विशेषताएँ: इस प्रदर्शनी में 200 से अधिक कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं, जिनमें चित्रकला, मूर्तियाँ और प्रिंट शामिल थे। यह आयोजन भारतीय कला के विविध रूपों को एक मंच पर लाने का प्रयास था।
5. भारतीय कला इतिहास कांग्रेस – नोएडा
- तिथियाँ: 8 से 10 फरवरी 2025
- स्थान: भारतीय विरासत संस्थान, नोएडा
- मुख्य विषय: “कला और संस्कृति में भारतीय महाकाव्यों का प्रतिपादन”
- उद्देश्य: महाकाव्यों पर आधारित कलात्मक अभिव्यक्तियों के विविध रूपों को उजागर करना।
6. सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल 2025 – गोवा
- तिथियाँ: 12 से 21 दिसंबर 2025
- स्थान: पणजी, गोवा
- विशेषताएँ: यह महोत्सव भारत की पारंपरिक और समकालीन कलाओं का संगम है, जिसमें संगीत, नृत्य, थिएटर और दृश्य कला की प्रस्तुतियाँ होती हैं।
7. कलाग्राम – महाकुंभ 2025
- स्थान: महाकुंभ परिसर
- विशेषताएँ: यहाँ भारतीय संस्कृति, कला और परंपरा का जीवंत मंच है, जहाँ कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियाँ, ऐतिहासिक प्रदर्शनी और पौराणिक कथाओं का अद्भुत अनुभव मिलता है।
इन आयोजनों में भाग लेकर आप न केवल भारत की समृद्ध पारंपरिक कलाओं का अनुभव कर सकते हैं, बल्कि उन्हें संरक्षित और प्रचारित करने में भी योगदान दे सकते हैं। यदि आप इनमें से किसी भी आयोजन में भाग लेने की योजना बना रहे हैं, तो संबंधित वेबसाइट्स पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त करें और अपनी यात्रा की योजना बनाएं।