दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजधानी की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है। 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस चुनाव में भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया, जिससे ‘आप’ के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हुआ।
भाजपा की जीत के प्रमुख कारण
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभावशाली प्रचार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली चुनाव में भाजपा के लिए एक मजबूत प्रचार अभियान चलाया। उन्होंने ‘मोदी की गारंटी’ के तहत महिलाओं को ₹2,500 मासिक सहायता, सस्ते एलपीजी सिलेंडर, और साफ पानी की आपूर्ति जैसे वादे किए, जो मतदाताओं के बीच प्रभावी साबित हुए।
2. स्थानीय मुद्दों का प्रभावी उपयोग
भाजपा ने यमुना नदी की गंदगी, जल आपूर्ति की समस्याएं, और प्रदूषण जैसे स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। ‘आप’ सरकार द्वारा इन समस्याओं के समाधान में विफलता को उजागर कर भाजपा ने जनता का विश्वास जीता।
3. ‘आप’ सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप
‘आप’ सरकार पर शराब नीति घोटाले और अन्य भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया। भाजपा ने इन मुद्दों को चुनावी प्रचार में जोरदार तरीके से उठाया, जिससे ‘आप’ की विश्वसनीयता पर सवाल उठे।
4. पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन
भाजपा ने पूर्वांचल के मतदाताओं को विशेष रूप से लक्षित किया, जो दिल्ली की जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके योगदान को सराहा और उनके लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की, जिससे इस समुदाय का समर्थन भाजपा को मिला।
5. ‘आप’ के प्रमुख नेताओं की हार
इस चुनाव में ‘आप’ के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया अपनी सीटें हार गए, जो पार्टी के लिए एक बड़ा झटका था। इससे पार्टी के नेतृत्व पर भी सवाल उठे और जनता का विश्वास कम हुआ।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा की जीत और ‘आप’ की हार कई कारकों का परिणाम है। प्रधानमंत्री मोदी की प्रभावशाली प्रचार रणनीति, स्थानीय मुद्दों का प्रभावी उपयोग, ‘आप’ सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप, और पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन भाजपा की जीत में निर्णायक साबित हुए। यह चुनाव परिणाम दिल्ली की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।