दिवाली – रौशनी का पर्व, उत्साह का संगम, और खुशियों का त्योहार। लेकिन हर साल यह पर्व न केवल हमारी ज़िंदगी में उजाला लाता है, बल्कि साथ ही वातावरण में प्रदूषण, शोर और अपशिष्ट का स्तर भी बढ़ा देता है।
अब समय है एक बदलाव लाने का — एक “Eco-Friendly दिवाली” का।
2025 में, क्यों न हम परंपरा और प्रकृति के बीच एक खूबसूरत संतुलन बनाएं?
इस ब्लॉग में जानिए 10 आसान और प्रभावशाली तरीके जिनसे आप अपनी दिवाली को प्रकृति के साथ मिलकर और भी खास बना सकते हैं।

1. पारंपरिक दीयों से करें शुरुआत
- मिट्टी के दीये न सिर्फ सुंदर लगते हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
- प्लास्टिक या इलेक्ट्रिक लाइट्स के बजाय तेल या घी के दीयों का उपयोग करें।
- लोकल कुम्हारों से दीये खरीदकर स्थानीय कलाकारों को समर्थन दें।

2. फूलों और प्राकृतिक रंगों से सजावट
- कृत्रिम सजावट (जो प्लास्टिक आधारित होती है) की बजाय ताजे फूलों की रंगोली, तोरण, और बंदनवार बनाएं।
- हल्दी, चावल, और अबीर से बनी रंगोली से घर को सजाएं – खूबसूरत भी और जैविक भी!

3. Sustainable गिफ्टिंग का चलन अपनाएं
- Eco-friendly उपहार जैसे – पौधे, हस्तनिर्मित उत्पाद, ऑर्गेनिक चॉकलेट्स, कपड़े के बैग आदि दें।
- ज्यादा से ज्यादा बायोडिग्रेडेबल या रिसाइकल योग्य पैकिंग का उपयोग करें।

4. पटाखों को कहें ‘ना’ या चुनें Green Crackers
- पारंपरिक पटाखे वायु व ध्वनि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण हैं।
- यदि बच्चे ज़िद करें तो green crackers चुनें, जो कम प्रदूषण करते हैं।
- लेकिन सबसे अच्छा विकल्प है – पटाखों के बजाय *फैमिली टाइम, **फन गेम्स, और *दीप सजावट से त्योहार को खास बनाना।

5. वेस्ट मैनेजमेंट पर ध्यान दें
- सजावट, उपहार और खाने-पीने की चीज़ों का प्लास्टिक वेस्ट न फैलाएं।
- घर में कचरा अलग-अलग करें – सूखा, गीला, और रिसाइकल।
- प्रयोग में लाई गई चीज़ों को दोबारा उपयोग करने की आदत डालें।

6. पुराने कपड़ों से बनाएं DIY डेकोर
- पुराने साड़ी, दुपट्टे, और कपड़ों से झूमर, दीवार हैंगिंग और गिफ्ट रैपिंग तैयार करें।
- इससे न केवल क्रिएटिविटी बढ़ेगी, बल्कि वेस्ट भी कम होगा।

7. LED लाइट्स का स्मार्ट उपयोग
- यदि आप इलेक्ट्रिक लाइट्स का उपयोग करना चाहते हैं, तो ऊर्जा बचाने वाली LED लाइट्स चुनें।
- इन्हें सीमित समय के लिए चलाएं, और सोलर ऑप्शन का भी विचार करें।

8. लोकल और हैंडमेड उत्पाद खरीदें
- बड़ी कंपनियों की जगह स्थानीय दुकानों, कारीगरों और महिला SHGs से चीज़ें खरीदें।
- इससे ना सिर्फ पर्यावरण बचेगा, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

9. हेल्दी और होममेड मिठाइयों को दें प्राथमिकता
- पैकेज्ड मिठाइयों की बजाय घर की बनी मिठाइयाँ और नमकीन बांटें।
- शुद्ध घी, गुड़ और देसी मसालों का उपयोग कर स्वाद और सेहत दोनों को रखें प्राथमिकता में।

10. दिवाली का असली संदेश – रोशनी बांटें, प्रकृति नहीं जलाएं
- दिवाली का मुख्य उद्देश्य है अंधकार को मिटाना, न कि प्रदूषण बढ़ाना।
- इस साल किसी ज़रूरतमंद को दीया, मिठाई या समय देकर असली रोशनी फैलाएं।
निष्कर्ष
दिवाली 2025 सिर्फ एक त्योहार नहीं, एक मौका है – संवेदनशीलता, सरलता और सततता के साथ जश्न मनाने का।
आइए, इस साल एक नई परंपरा की शुरुआत करें — एक ऐसी दिवाली जो न सिर्फ हमारे घर, बल्कि हमारी धरती को भी रौशन करे।