कूड़े-कचरे का निस्तारण: हर गली में लगे कचरे के ढेर

कहने को तो हम स्वच्छ भारत मिशन का हिस्सा हैं, लेकिन अगर अपने आसपास की गलियों और मोहल्लों पर नजर डालें, तो सच्चाई कुछ और ही दिखती है। गली-गली में लगे कचरे के ढेर न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि हमारे शहर की सुंदरता और व्यवस्था को भी धूमिल करते हैं।

हर गली में कचरा – आखिर क्यों?

आजकल छोटे से मोहल्ले से लेकर बड़े शहर तक, हर जगह एक आम दृश्य देखने को मिलता है — खुले में पड़ा कचरा, प्लास्टिक की थैलियां उड़ती हुई, और बदबू फैलाती सड़ांध। सवाल उठता है कि ये कचरा आखिर जमा क्यों होता है?

कारण:

  1. समय पर कचरा उठाव नहीं होना
  2. प्रत्येक घर में कचरे के अलग-अलग डिब्बों की कमी
  3. लोगों की जागरूकता का अभाव – जहाँ-तहाँ कचरा फेंकना
  4. नगर निगम की सुस्त व्यवस्था
  5. कचरा अलग-अलग (सूखा/गीला) न करना

इसके दुष्प्रभाव

  • गंदगी से मच्छर, मक्खियाँ, और जानलेवा बीमारियाँ जैसे डेंगू, मलेरिया, हैजा फैलते हैं
  • बदबू के कारण आसपास का जीवन दूभर हो जाता है
  • बच्चों और बुजुर्गों की सेहत सबसे ज्यादा प्रभावित होती है
  • कचरे में लगे ढेर से जानवर भोजन ढूंढते हैं, जिससे उनके भी जीवन को खतरा होता है
  • बरसात में ये कचरा जलजमाव और सीवर ब्लॉक का कारण बनता है

समाधान क्या हो सकता है?

  1. घर-घर से नियमित कचरा संग्रहण व्यवस्था हो
  2. सूखा और गीला कचरा अलग करने की आदत डाली जाए
  3. हर मोहल्ले में स्थायी डस्टबिन और संग्रह केंद्र बनाए जाएं
  4. कचरे का पुनर्चक्रण (recycling) और खाद बनाना (composting) को बढ़ावा मिले
  5. सार्वजनिक स्थानों पर कचरा न फेंकने की सख्त निगरानी हो
  6. नगर निगम की जवाबदेही और नागरिक सहभागिता सुनिश्चित हो
  7. शिक्षा संस्थानों और सामुदायिक केन्द्रों में जागरूकता अभियान चलाए जाएं

हम क्या कर सकते हैं?

  • अपने घर का कचरा अलग-अलग रखें
  • प्लास्टिक का उपयोग कम करें
  • मोहल्ले में कचरा फैलता देख टोकें और जागरूक करें
  • नगर निगम से संपर्क करें और शिकायत दर्ज कराएं
  • अपने बच्चों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करें

निष्कर्ष:

हर गली में कूड़े का ढेर होना एक आदत, एक लापरवाही और एक प्रशासनिक विफलता का परिणाम है।
जब तक हम खुद जिम्मेदारी नहीं लेंगे, तब तक “स्वच्छ भारत” एक सपना ही बना रहेगा। जरूरत है कि हम स्वच्छता को अपना कर्तव्य समझें, न कि केवल सरकारी अभियान।

“जहां साफ़-सफाई, वहीं स्वस्थ जीवन।”
आज ही शुरुआत करें – अपने घर से, अपनी गली से।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link