क्या भारत में शिक्षा प्रणाली बदलाव की जरूरत है?

भारत, जो कभी नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों का गढ़ था, आज भी एक युवा राष्ट्र है जहां करोड़ों छात्र हर साल शिक्षा की ओर अपने कदम बढ़ाते हैं। लेकिन सवाल ये है — क्या आज की शिक्षा प्रणाली उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर पा रही है? जवाब उतना सीधा नहीं है, लेकिन एक चीज़ साफ है: बदलाव की जरूरत है, और बहुत ज़रूरत है।


1. रटने पर आधारित प्रणाली

आज भी अधिकतर स्कूलों में शिक्षा का तरीका वही पुराना है — रटो और अंकों के लिए दौड़ो। बच्चों को प्रश्नों का अर्थ समझाने से ज़्यादा, उत्तर याद करवाने पर ज़ोर दिया जाता है। परिणाम? वे केवल परीक्षा पास करते हैं, जिंदगी नहीं।


2. कौशल की कमी

हमारे स्कूल और कॉलेज बहुत कम फोकस करते हैं skills पर — जैसे कि क्रिटिकल थिंकिंग, कम्युनिकेशन, टीमवर्क, लीडरशिप, और टेक्नोलॉजी के साथ काम करना। यही वजह है कि लाखों ग्रेजुएट हर साल डिग्री तो ले लेते हैं, लेकिन नौकरियों के लिए तैयार नहीं होते।


3. एकरूपता, न कि विविधता

हर छात्र अलग होता है, उसकी रुचि, गति और समझ अलग होती है। फिर भी हम सबको एक ही पाठ्यक्रम, समय और परीक्षा प्रणाली में ढालने की कोशिश करते हैं। क्या यही सच्चा “शिक्षा” है?


4. तकनीक का सही उपयोग नहीं

आज जब पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल क्लासरूम और ऑनलाइन लर्निंग की ओर बढ़ रही है, भारत में अब भी बहुत सारे स्कूलों में बेसिक डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तक नहीं है। महामारी ने इस कमी को और उजागर कर दिया।


5. नई शिक्षा नीति (NEP) – एक उम्मीद की किरण

भारत सरकार ने 2020 में नई शिक्षा नीति (NEP) लॉन्च की, जिसमें लचीलापन, रचनात्मकता, और स्किल्स पर ज़ोर है। ये एक बड़ा कदम है, लेकिन असली बदलाव नीति से ज़्यादा कार्यान्वयन पर निर्भर करेगा।


समाधान क्या हो सकते हैं?

  • रटने की बजाय समझ पर ज़ोर दिया जाए
  • Skill-based learning को बढ़ावा दिया जाए
  • Teacher training को मजबूत किया जाए
  • Digital tools को सभी स्तरों पर लागू किया जाए
  • बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार वैकल्पिक विषय चुनने का मौका मिले

निष्कर्ष

भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। लेकिन उस प्रतिभा को सही दिशा देने के लिए एक आधुनिक, समावेशी और व्यवहारिक शिक्षा प्रणाली की ज़रूरत है। बदलाव कठिन है, लेकिन नामुमकिन नहीं। अगर आज हमने पहल की, तो कल का भारत सिर्फ शिक्षित नहीं, बल्कि बुद्धिमान और सक्षम होगा।

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