मार्च 2025 में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर 3.6% पर स्थिर रही, जो फरवरी 2025 में दर्ज की गई 3.61% की दर के लगभग समान है। यह लगातार दूसरा महीना है जब मुद्रास्फीति दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से नीचे बनी रही, जिससे आम जनता को महंगाई से राहत मिली है।
खाद्य कीमतों में स्थिरता का प्रभाव
मुद्रास्फीति में इस स्थिरता का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी है। विशेष रूप से सब्जियों, अंडों और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट ने कुल मुद्रास्फीति दर को नियंत्रित करने में मदद की है।
भविष्य की संभावनाएँ
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अप्रैल 2025 में मुद्रास्फीति दर 3.5% तक कम हो सकती है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। खाद्य कीमतों में कमी और RBI की नीतियों से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।
मौद्रिक नीति पर प्रभाव
मुद्रास्फीति दर में गिरावट के चलते RBI द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि जून 2025 में RBI 25 आधार अंकों की एक और कटौती कर सकता है, जिससे ऋण की लागत कम होगी और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
निष्कर्ष
मार्च 2025 में भारत की मुद्रास्फीति दर का 3.6% पर स्थिर रहना एक सकारात्मक संकेत है। खाद्य कीमतों में स्थिरता और मौद्रिक नीतियों के प्रभाव से आम जनता को राहत मिली है। आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति दर में और गिरावट की संभावना है, जिससे आर्थिक स्थिरता बनी रह सकती है।