रात में सड़क निर्माण – शोर और धूल से जनता परेशान

शहरों में विकास की रफ्तार तेज़ रखने के लिए अक्सर सड़क निर्माण का काम रात के समय किया जाता है, ताकि दिन के ट्रैफिक को रोका न जाए। यह सोच समझदारी भरी लग सकती है, लेकिन इसके पीछे एक और सच्चाई छिपी होती है — आसपास रहने वाले लोग नींद से वंचित, धूल से दमघोंटू माहौल और लगातार शोर के बीच जीने को मजबूर हो जाते हैं।

शोरगुल की रातें: कब आएगा चैन?

रात 11 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक, सड़कों पर चलती मशीनें, हैमर, ड्रील और ट्रकों की आवाज़ें सो रहे मोहल्लों को निर्माण स्थल में बदल देती हैं

  • बुजुर्ग और बच्चे नींद में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं
  • मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और अनिद्रा जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं
  • विद्यार्थियों की पढ़ाई और नींद दोनों प्रभावित होती हैं
  • लगातार शोर से दिल और मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है

धूल की परत हर जगह

सिर्फ शोर ही नहीं, सड़क निर्माण के दौरान उड़ने वाली धूल और मिट्टी भी लोगों के लिए साँस की समस्या बन जाती है।

  • दम घुटने जैसी स्थिति
  • अस्थमा और एलर्जी के मरीजों की तकलीफ बढ़ना
  • घरों में धूल की मोटी परत जम जाना
  • हवा की गुणवत्ता (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुँच जाना

प्रशासन का जवाब – “जनता की सुविधा के लिए कर रहे हैं”

प्रशासन का कहना होता है कि दिन में ट्रैफिक ज़्यादा होता है, इसलिए काम रात में करना पड़ता है। यह बात अपनी जगह सही हो सकती है, लेकिन सवाल यह है — क्या रात के निर्माण के लिए कोई गाइडलाइन फॉलो हो रही है?

  • क्या लोगों को पहले से सूचित किया गया?
  • क्या ध्वनि और धूल नियंत्रण के उपाय किए गए?
  • क्या काम की समयसीमा और तीव्रता तय है?

ज़्यादातर मामलों में इन सवालों का जवाब होता है – “नहीं।”

जनता का विरोध और सुझाव

कई इलाकों में लोगों ने शिकायत की है, लेकिन अक्सर ये शिकायतें अनसुनी रह जाती हैं।

क्या किया जा सकता है?

  1. शिकायत दर्ज करें: स्थानीय नगर निगम, PWD या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शिकायत करें
  2. RWA (रेज़िडेंट वेलफेयर असोसिएशन) के माध्यम से सामूहिक आवाज़ उठाएं
  3. RTI के ज़रिए जानकारी मांगे: निर्माण की समयसीमा, ठेकेदार का नाम, शोर स्तर की जांच रिपोर्ट
  4. सोशल मीडिया और प्रेस में मुद्दा उठाएं: वीडियो, फोटो, और स्थानीय मीडिया में रिपोर्टिंग

समाधान क्या हो सकते हैं?

  • Noise Barriers का उपयोग
  • Low-noise मशीनरी और रात के लिए विशेष उपकरण
  • निर्माण से पहले पब्लिक नोटिस और शेड्यूल की घोषणा
  • निर्माण के दौरान वाटर स्प्रे से धूल नियंत्रण
  • काम की समयसीमा सख्ती से तय हो और निरीक्षण नियमित हो

निष्कर्ष

रात में सड़क बनाना एक समाधान हो सकता है, लेकिन अगर वो समाधान किसी और के लिए समस्या बन जाए, तो उसका पुनर्विचार ज़रूरी है।
विकास की गाड़ी तभी टिकेगी, जब उसकी रफ्तार जनता की सहूलियत और स्वास्थ्य को कुचलकर न चले।

अब वक्त है कि प्रशासन और ठेकेदार दोनों जवाबदेह बनें और “विकास का काम” = “जनता की तकलीफ” न बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link