राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच मतभेद

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच मतभेद: इतिहास, वर्तमान और संभावित भविष्य

महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार का नाम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना ने मराठी अस्मिता और हिंदुत्व की राजनीति को नई दिशा दी। हालांकि, 1990 के दशक के मध्य से ही उनके बेटे उद्धव ठाकरे और भतीजे राज ठाकरे के बीच मतभेद उभरने लगे, जो समय के साथ गहराते गए।​


मतभेदों की शुरुआत: 1995 से 2005 तक

1995 में जब शिवसेना-बीजेपी गठबंधन महाराष्ट्र में सत्ता में आया, तब राज ठाकरे को पार्टी में एक उभरते हुए नेता के रूप में देखा जा रहा था। उनकी शैली और भाषणों में बाल ठाकरे की झलक दिखाई देती थी। हालांकि, पार्टी के अंदर उद्धव ठाकरे का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ने लगा। 1997 के बीएमसी चुनावों में टिकट वितरण को लेकर राज ठाकरे की नाराजगी सामने आई, जब अधिकांश टिकट उद्धव की मर्जी से बांटे गए। इससे राज ठाकरे को पार्टी में हाशिए पर धकेला गया, और अंततः 2005 में उन्होंने शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) की स्थापना की। ​


वर्तमान परिदृश्य: पुनर्मिलन की संभावनाएँ

हाल ही में, राज ठाकरे ने एक साक्षात्कार में कहा कि महाराष्ट्र के हित के लिए पुराने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होना आवश्यक है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के अस्तित्व के सामने ये सब झगड़े छोटे नजर आते हैं।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह पुराने झगड़े खत्म करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी महाराष्ट्र के हित के खिलाफ होगा, उसे वह अपने घर नहीं बुलाएंगे और न ही उसके साथ मंच साझा करेंगे। ​


राजनीतिक समीकरण और भविष्य की दिशा

यदि राज और उद्धव ठाकरे अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होते हैं, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह गठबंधन भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के लिए चुनौती बन सकता है। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच विश्वास की कमी और पिछले अनुभवों के चलते यह देखना बाकी है कि यह संभावित गठबंधन वास्तव में साकार होगा या नहीं।​

निष्कर्ष: राज और उद्धव ठाकरे के बीच मतभेदों की कहानी दशकों पुरानी है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में उनके पुनर्मिलन की संभावनाएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। महाराष्ट्र की जनता और राजनीतिक विश्लेषक इस संभावित गठबंधन की दिशा पर नजर बनाए हुए हैं।​

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link