सड़क निर्माण में देरी: जनता को हो रही परेशानी

सड़कों का अच्छा और समय पर निर्माण किसी भी क्षेत्र की तरक्की और जनता की सुविधा के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन जब सड़क निर्माण में बार-बार देरी होती है, तो इसका सीधा असर आम नागरिकों की दिनचर्या, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।

आज देश के कई हिस्सों में सड़क निर्माण या मरम्मत का कार्य महीनों से अधूरा पड़ा है। कहीं खुदाई हुई है लेकिन काम रुका हुआ है, तो कहीं सीमेंट और गिट्टी पड़ी है लेकिन मजदूर नदारद हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग हर दिन परेशानी झेलते हैं।

जनता की दिनचर्या पर असर

जब सड़कें अधूरी होती हैं या निर्माण कार्य चलता रहता है, तो:

  • पैदल चलने वालों को कीचड़, धूल और खुदाई से जूझना पड़ता है
  • स्कूली बच्चे और बुजुर्गों के लिए चलना मुश्किल हो जाता है
  • दुपहिया वाहन चालकों को दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है
  • एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी सेवाएं भी देर से पहुंचती हैं

ट्रैफिक जाम और वाहन चालकों की मुसीबत

सड़क निर्माण में देरी के कारण ट्रैफिक डायवर्जन की व्यवस्था अक्सर कमजोर रहती है। संकरी गलियों और वैकल्पिक रास्तों पर:

  • लंबा ट्रैफिक जाम लगता है
  • समय की बर्बादी होती है
  • ईंधन खर्च बढ़ जाता है
  • सड़क पर चढ़ा धूल और गिट्टी वाहन खराब करने लगता है

सुरक्षा जोखिम

अधूरी सड़कें और बिना संकेतक के छोड़ा गया निर्माण स्थल दुर्घटनाओं का कारण बनता है। कई बार गड्ढों में गिरने से लोगों की जान तक चली जाती है। रात्रि में अंधेरे में यह खतरा और भी बढ़ जाता है।

प्रशासनिक लापरवाही या सिस्टम की खामी?

अक्सर निर्माण एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी, बजट रिलीज़ में देरी या भ्रष्टाचार की वजह से सड़क निर्माण अधूरा रह जाता है।

  • टेंडर मिलने के बाद काम शुरू होने में महीनों लग जाते हैं
  • एक विभाग खुदाई करता है, दूसरा मरम्मत करने नहीं आता
  • नागरिकों की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं होती

जनता क्या कर सकती है?

  1. शिकायत पोर्टल का इस्तेमाल करें: स्थानीय नगर निगम, PWD या राज्य सरकार के पोर्टल्स पर शिकायत दर्ज करें
  2. RTI डालें: निर्माण कार्य की जानकारी मांगें
  3. लोकल प्रतिनिधियों से संपर्क करें: पार्षद, विधायक आदि से मिलकर मुद्दा उठाएं
  4. सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाएं: तस्वीरों और वीडियो के साथ समस्या को उजागर करें

समाधान की ओर

सड़क निर्माण को समयबद्ध योजना के अनुसार पूरा करना बेहद जरूरी है। इसके लिए जरूरी है:

  • पारदर्शिता और निगरानी
  • काम के पहले और बाद की सूचना आम जनता को दी जाए
  • संबंधित विभागों के बीच बेहतर तालमेल
  • जनता की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए

निष्कर्ष

सड़कें विकास की धड़कन होती हैं। जब ये अधूरी होती हैं, तो विकास की रफ्तार थम जाती है और आम आदमी परेशान होता है। समय पर और गुणवत्ता से बना रोड सिस्टम, न सिर्फ सुविधा देता है बल्कि नागरिकों का सरकार पर भरोसा भी मजबूत करता है।

अब समय है कि हम आवाज़ उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि सड़कें समय पर बने, और सही तरीके से बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via
Copy link