स्कूल छोड़कर बना सीईओ: 20 साल के युवा से मुलाकात

इंटरव्यू:

Q1. विवेक, सबसे पहले ये बताइए कि आपने स्कूल क्यों छोड़ा?

विवेक:
मैं क्लास 11वीं में था जब मुझे महसूस हुआ कि जो मैं पढ़ रहा हूं, वो मेरे इंटरेस्ट से बहुत अलग है। मैं टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन लर्निंग को लेकर बहुत उत्साहित था। लेकिन स्कूल का सिस्टम मेरे आइडियाज़ को रोक रहा था। इसलिए मैंने रिस्क लिया और स्कूल छोड़कर अपने आइडिया पर फोकस किया।


Q2. स्कूल छोड़ने के बाद पहला कदम क्या था?

विवेक:
मैंने यूट्यूब और गूगल से खुद को स्किल्स सिखाए – जैसे वेबसाइट बनाना, डिजिटल मार्केटिंग और वीडियो एडिटिंग। फिर मैंने एक छोटा कोर्स प्लेटफॉर्म शुरू किया, जहाँ बच्चे प्रैक्टिकल स्किल्स सीख सकते थे, वो भी हिंदी में।


Q3. लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रही?

विवेक:
शुरुआत में बहुत नेगेटिव। परिवार और रिश्तेदारों ने कहा कि मैं अपना भविष्य बर्बाद कर रहा हूं। लेकिन जब मेरा पहला कोर्स 500 से ज़्यादा स्टूडेंट्स ने खरीदा, तो सबकी सोच बदलने लगी।


Q4. आज आपकी कंपनी क्या करती है और कितने लोग जुड़े हैं?

विवेक:
मेरी कंपनी का नाम है “SkillEdge Learn” और हम स्कूली छात्रों के लिए डिजिटल स्किल्स जैसे कोडिंग, डिजाइन, और पर्सनल फाइनेंस पर कोर्स बनाते हैं। आज हमारी वेबसाइट पर 40,000+ स्टूडेंट्स हैं और एक 12 लोगों की टीम हमारे साथ है।


प्रेरणादायक बातें (Takeaways)

  • पढ़ाई छोड़ना सही नहीं, लेकिन रास्ता चुनना ज़रूरी है
  • अगर आपके पास जुनून और योजना है, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती
  • सीखने के लिए आज हजारों रास्ते हैं, बस शुरुआत करनी होती है
  • सफलता वो नहीं जो डिग्री देती है, बल्कि जो हिम्मत देती है

अंतिम शब्द

विवेक की कहानी उन हज़ारों युवाओं के लिए है जो कुछ नया करना चाहते हैं, लेकिन डर और समाज के दबाव से पीछे हट जाते हैं। स्कूल की पढ़ाई ज़रूरी है, लेकिन उससे भी ज़रूरी है खुद को समझना और अपनी राह चुनना।

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