भारत सरकार ने 2025 में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए कई नई योजनाएं और सब्सिडी शुरू की हैं। इनका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और उद्यमिता को सशक्त बनाना है। यदि आप एक स्टार्टअप शुरू करने की योजना बना रहे हैं या पहले से ही एक स्टार्टअप चला रहे हैं, तो ये योजनाएं आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं।
प्रमुख सरकारी योजनाएं और सब्सिडी
1. स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS)
- लाभ: प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षण, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के लिए ₹50 लाख तक की वित्तीय सहायता।
- पात्रता: DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स जो दो वर्ष से कम पुराने हैं और जिनका व्यापार मॉडल स्केलेबल है।
- आवेदन: Startup India पोर्टल पर।
2. फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (FFS)
- लाभ: ₹10,000 करोड़ का कोष जो वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIFs) के माध्यम से स्टार्टअप्स को निवेश प्रदान करता है।
- उद्देश्य: घरेलू पूंजी तक पहुंच बढ़ाना और विदेशी निवेश पर निर्भरता कम करना।
3. स्टैंड-अप इंडिया योजना
- लाभ: हर बैंक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति/जनजाति या महिला उद्यमी को ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का ऋण।
- उद्देश्य: हरित क्षेत्रीय परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना और सामाजिक समावेशन सुनिश्चित करना।
4. क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE)
- लाभ: ₹1 करोड़ तक का बिना जमानत ऋण।
- उद्देश्य: MSMEs को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उद्यमिता को बढ़ावा देना।
5. अटल इनोवेशन मिशन (AIM)
- लाभ: इन्क्यूबेशन सेंटर, अटल टिंकरिंग लैब्स और नवाचार केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप्स को समर्थन।
- उद्देश्य: देश में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना।
कर लाभ और नियामक छूट
- आयकर में छूट: मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को पहले 10 वर्षों में से किसी भी 3 वर्षों के लिए आयकर में छूट।
- एंजेल टैक्स से छूट: न्यायसंगत बाजार मूल्य से अधिक निवेश पर कर छूट।
- स्व-प्रमाणन: श्रम और पर्यावरण कानूनों के तहत स्व-प्रमाणन की सुविधा।
- सरकारी खरीद में प्राथमिकता: सरकारी टेंडरों में स्टार्टअप्स को प्राथमिकता।
निष्कर्ष
सरकार की ये योजनाएं और सब्सिडी स्टार्टअप्स को आवश्यक वित्तीय सहायता, मार्गदर्शन और बाजार तक पहुंच प्रदान करती हैं। यदि आप एक उद्यमी हैं, तो इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने स्टार्टअप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।