भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए एक महत्वपूर्ण राहत की खबर है—तेजस एमके-1ए (Tejas Mk1A) लड़ाकू विमानों की डिलीवरी अब स्थिर हो गई है। लगभग एक वर्ष की देरी के बाद, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और GE एयरोस्पेस ने उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर कर लिया है, जिससे 2025-26 के वित्तीय वर्ष में 16 से 24 तेजस एमके-1ए विमानों की डिलीवरी की योजना है।
देरी के कारण और समाधान
तेजस एमके-1ए की डिलीवरी में देरी का मुख्य कारण GE के F404-IN20 इंजन की आपूर्ति में बाधाएं थीं। GE ने मार्च 2025 में पहला इंजन HAL को सौंपा, जिससे उत्पादन प्रक्रिया को गति मिली।
उत्पादन क्षमता में वृद्धि
HAL ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया है। नासिक में तीसरी उत्पादन लाइन स्थापित की गई है, जिससे वार्षिक उत्पादन क्षमता 16 से बढ़ाकर 24 विमानों तक पहुंच गई है।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
तेजस एमके-1ए की सफल डिलीवरी भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को मजबूत करती है। यह विमान न केवल वायुसेना की क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी समर्थन प्रदान करता है।
निष्कर्ष
तेजस एमके-1ए की स्थिर डिलीवरी भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल वायुसेना की ताकत को बढ़ाता है, बल्कि भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और आत्मनिर्भरता को भी सुदृढ़ करता है।