
क्या सोशल मीडिया हमारी सोच को कंट्रोल कर रहा है?
सुबह उठते ही हाथ मोबाइल की ओर बढ़ता है।WhatsApp चेक करते हैं, Instagram स्टोरीज़ देखते हैं, Twitter पर ट्रेंडिंग टॉपिक पढ़ते हैं।कुछ ही मिनटों में हमारा मूड, सोच और शायद […]
सुबह उठते ही हाथ मोबाइल की ओर बढ़ता है।WhatsApp चेक करते हैं, Instagram स्टोरीज़ देखते हैं, Twitter पर ट्रेंडिंग टॉपिक पढ़ते हैं।कुछ ही मिनटों में हमारा मूड, सोच और शायद […]
हम हर बार एक दर्दनाक घटना के बाद गुस्से में कहते हैं – “कानून सख्त होना चाहिए!”फिर कुछ समय बीतता है, सब शांत हो जाता है।पर सवाल वही रह जाता […]
सुबह की चाय खेत की हरियाली में पीना ज़्यादा अच्छा है या ट्रैफिक साउंड के साथ कॉफी?गाँव की सादगी बेहतर है या शहर की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी? ये बहस शायद […]
लेखक: एक पढ़ा-लिखा बेरोज़गार “बी.ए. किया, एम.ए. किया, कंप्यूटर कोर्स किया… अब क्या PhD करूं?”यह डायलॉग अब मज़ाक नहीं, हकीकत बन चुका है। भारत में लाखों युवा हर साल डिग्रियाँ […]
लेखक: एक आम नागरिक की आवाज़ “प्याज़ फिर 80 रुपये किलो हो गया है!”“सब्ज़ियाँ खरीदने से पहले सोचना पड़ता है!”“गैस सिलेंडर भरवाना अब लग्ज़री जैसा लगता है!” इन बातों से […]
लेखक: एक जागरूक नागरिक की कलम से “पढ़ो, अच्छे अंक लाओ, और फिर एक अच्छी नौकरी पाओ।”हमारे समाज में यह एक पुराना लेकिन आज भी ज़िंदा मंत्र है, जो शिक्षा […]